परिचय
राष्ट्रीय आर्य निर्मात्री सभा का उद्देश्य समाज के हर स्तर पर मजबूत, नैतिक और प्रेरणादायक नेतृत्व को विकसित करना है। नेतृत्व विकास कार्यक्रम (Leadership Development Program) इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है, जो व्यक्तिगत और सामूहिक नेतृत्व कौशल को प्रोत्साहित करता है।
कार्यक्रम के उद्देश्य
नेतृत्व कौशल का विकास:
प्रतिभागियों में निर्णय लेने, समस्या समाधान और टीम प्रबंधन की क्षमताओं को विकसित करना।
नैतिक मूल्यों पर जोर:
नेतृत्व में नैतिकता, ईमानदारी और पारदर्शिता को प्राथमिकता देना।
सामाजिक सेवा की भावना को प्रोत्साहन:
नेतृत्व को केवल पद तक सीमित न रखकर समाजसेवा और राष्ट्रनिर्माण से जोड़ना।
सक्रिय नागरिकता का निर्माण:
कार्यक्रम प्रतिभागियों को एक उत्तरदायी और प्रेरक नागरिक बनने के लिए तैयार करता है।
आर्य प्रशिक्षण सत्र का उद्देश्य सत्य का उद्घाटन
उद्देश्य: आर्य प्रशिक्षण सत्र का मुख्य उद्देश्य सत्य का उद्घाटन करना है।
सत्य और त्रुटि का भेद: सत्य को सत्य और त्रुटि को त्रुटि के रूप में प्रस्तुत किया गया है। त्रुटि को सत्य के रूप में और सत्य को त्रुटि के रूप में प्रस्तुत करना सत्य के उद्घाटन का कारण नहीं बनता है।
सत्य का वास्तविक निरूपण: किसी बात को जैसा वह है, वैसा बोलना, लिखना और मानना ही सत्य का रूप है।
पक्षपाती दृष्टिकोण: एक पक्षपाती व्यक्ति यह साबित करने की कोशिश करता है कि उसकी त्रुटियाँ भी सत्य हैं, जबकि दूसरों के सत्य को त्रुटि मानता है। ऐसे व्यक्ति को सच्चे धर्म का ज्ञान नहीं हो सकता।
सत्य और ज्ञानी व्यक्तियों का कर्तव्य: यह सत्य और ज्ञानी व्यक्तियों का कर्तव्य है कि वे अपने लेखों और भाषणों के माध्यम से सत्य और त्रुटि का सही भेद सभी के सामने रखें।
निर्णय की स्वतंत्रता: सत्य को प्रस्तुत करने के बाद, यह आवश्यक है कि लोगों को स्वतंत्र रूप से यह निर्णय लेने दिया जाए कि क्या उनके हित में है और क्या उनके लिए हानिकारक है।